flu problems in kids


H1N1 के कारण बच्चों में हो रही हैं दिमागी समस्याएं


डॉक्टर्स का मानना है कि H1N1 बच्चों के रेस्पिरेटरी सिस्टम के साथ ही उनके दिमाग को भी इफेक्ट कर रहा है। मुबंई में एक 10 महीने का बच्चा अपने जान-पहचान के लोगों यहां तक की अपने पेरेंट्स तक को पहचान नहीं पा रहा है। इसका कारण H1N1 वायरस माना जा रहा है जो ब्रेन को इफेक्ट कर रहा है। ऐसे में डॉक्टर्स का मानना है कि H1N1 बच्चों के रेस्पिरेटरी सिस्टम के साथ ही उनके दिमाग को भी इफेक्ट कर रहा है। पिछले एक महीने में पेड्रियाट्रिक न्यूरोलॉजिस्ट ने H1N1 वायरस से पीडित कम से कम 5-6 ऐसे बच्चों का ट्रीटमेंट किया है जो फीवर, कोल्ड, थ्रोट इंफेक्शन के साथ ही दिमागी समस्याओं से पीडित हैं।

न्यूरो एक्सपर्ट इस बात पर जोर देते हुए सलाह दे रहे हैं कि H1N1 का इलाज करने के दौरान डॉक्टर्स को ब्रेन में होने वाली सूजन या फिर अचानक पड़ने वाले दौरे के बारे में खासतौर पर सोचना चाहिए और साथ ही बच्चे को जरूरत पड़ने पर वेंटिलेशन और आई सी यू (ICU)में रखें।

इस सबंध में एबीपी न्यू्ज़ को न्यूरो सर्जन विकास भारद्वाज ने बताया कि इस समय H1N1 वायरस बच्चों के दिमाग को बहुत इफेक्ट कर रहा है इसका कारण बताते हुए डॉ। का कहना है कि एच1एन1 वायरस न्यू‍रोट्रॉपिक वायरस हैं जो कि बॉडी के न्यूरल स्ट्रक्चर जैसे :: नर्वस, ब्रेन उन पर अटैक कर उनसे बॉडी में एंटर करते हैं। इन्सेफेलाइटिस नामक ये वायरस बच्चों को सबसे ज्यादा इफेक्ट करता है क्योंकि बच्चों का इम्यून सिस्टम इतना स्ट्रांग नहीं होता कि वो किसी भी वायरस से अचानक लड़ पाए।

H1N1 सेंट्रल नर्वस सिस्टम का इंफेक्शन है जिससे ब्रेन के फंक्शंस डिस्टर्ब हो जाते हैं। इससे बच्चों में दौरे पड़ने लगते हैं। बच्चे की याददाश्त जा सकती है। इन्सेफेलाइटिस की वजह से बच्चे़ के ब्रेन में सूजन आ जाती है। बच्चों के हायर मेंटल फंक्शंस सबसे पहले प्रभावित होते हैं। इसके बाद बाकी बॉडी फंक्शंस पर धीरे-धीरे इफेक्ट होने लगता है। आई, ईयर, वीकनेस जैसी चीजें अधिक सूजन बढ़ने पर आती है। स्पीच पर भी फर्क आ सकता है। बेहोशी की हालत होने लगती है। कम बोलना शुरू होना आता है।

आपको बता दें, इस साल महाराष्ट्र में H1N1 तेजी से फैल रहा है और अब तक 300 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

नोट:


आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें ।
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