Home Remedies for Control Diabetes in hindi


डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए करें

21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है| इस बार योग दिवस 2017 की थीम है डायबिटीज| यानि इस साल योग दिवस के मौके पर लोगों को मधुमेह के बारे में जागरूक किया जाएगा| तो चलिए आज हम आपको बताते हैं डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए योग की कौन सी क्रियाएं बेहतर हैं|

डायबिटीज के कारण-

डायबिटीज आमतौर पर खराब लाइफस्टाइल के कारण होता है| एक्सरसाइज ना करना, बहुत ज्यादा स्‍ट्रेस लेना, सही से खानपान ना होना, घर में किसी को डायबिटीज होना सभी डायबिटीज के कारण है| लाइफस्टानइल में योगा और एक्सरसाइज को शामिल करके आप आसानी से डायबिटीज को कंट्रोल कर सकते हैं| चलिए जानते हैं कौन सी योग क्रियाओं को लाइफस्टाइल में शामिल करें| ये पांच आसन डायबिटीज कर सकते हैं कंट्रोल-

1|

कपालभाति प्राणायाम

2|

अनुलोम- विलोम

3|

मंडुकासन

4|

अर्धमत्स्येन्द्रासन

5|

वक्रासन

कपालभाति प्राणायामः

सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जायें| कमर सीधी रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें| सामने की ओर देखें| सांस भरें और सांस भरते हुए नाभि को अंदर की तरफ ले जायें और सांस छोड़ते हुए नाभि बाहर की तरफ करें| इस क्रिया को इसी तरह बार-बार दोहराएं|

अनुलोम-विलोमः

पद्मासन में बैठ जाइये| कमर और गर्दन को सीधा रखिए| बाएं हाथ को ज्ञान और दाएं हाथ को प्रणय मुद्रा में रखें| बाएं नाक से सांस अंदर खींचें| इसके बाद दाएं नाक से सांस बाहर की तरफ छोड़ें| फिर दाईं नाक से सांस लें और बाईं नाक से बाहर छोड़ें| इस क्रिया को कई बार दोहराएं|

मंडुकासनः

वज्रासन में बैठ जाएं| दोनों हाथों की मुठ्ठी बनाकर नाभि के पास लेकर जाएं| मुट्ठी को ऐसे रखें कि मुट्ठी खड़ी हो| सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे| इस पोजीशन में नाभि पर अधिक दबाव बनाएं| इसके बाद सिर और गर्दन उठाकर सामने की तरफ देखें| धीरे- धीरे सांस लें और छोड़े| इस क्रिया को चार से पांच बार करें|

अर्धमत्स्येन्द्रासनः

पैर सीधे करके जमीन पर बैठ जाएं| दायें पैर के तलवों को फर्श पर बायें घुटने की बाहरी ओर रखें| बायीं टांग को मोडें और बायीं एडी को दायें हिप्स के पास रखें| बायें बाजू को दायें घुटने के बाहर की ओर ले आयें और दायां टखना पकड़ लें| सिर को दाईं ओर मोड़ें। दायां बाजू पीठ के ऊपर रखें और दायें कंधे के ऊपर से देखें|

वक्रासनः

जमीन पर बैठकर पैर फैलाएं| कमर सीधी रखें| इसके बाद दाहिने पैर के घुटने को मोड़कर बाएं पैर की सीध में रखें| फिर दाएं हाथ को पीठ के पीछे लेकर जाएं| हल्के से गर्दन को पीछे की तरफ ले जाएं| अब ज्यादा से ज्यादा पीछे देखने की कोशिश करें|

नोट:

आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें

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